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जेएमडी डेस्क: डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए एक अच्छी खबर आई है। अब इनको जीवन भर दवा नहीं खानी पड़ेगी। बस थोड़े से इलाज के साथ अपने डेली रूटीन में सुधार लाना होगा। इससे मरीज़ सही हो सकते हैं।

भारत की युवा शक्ति को निगल रही डायबिटीज़

डायबिटीज़ के मरीज़ों की संख्या दुनियाभर में सबसे ज्यादा भारत में है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक पूरी दुनिया में करीब 50 करोड़ लोग इससे पीड़ित हैं। भारत को डायबिटीज़ की राजधानी कहा जाता है। अभी अपने देश में करीब 15 करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज़ के मरीज हैं। इनमें से करीब आठ करोड़ लोग ऐसे हैं जिनमें डायबिटीज़ की अभी शुरुआत हुई है। ये सभी युवा हैं। इडिंयन कॉउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक 25 वर्ष से कम उम्र के करीब 64 प्रतिशत युवा इसकी चपेट में है। इन डराने वाले आंकड़ों के बीच एक अच्छी खबर आई है जिन कम उम्र के लोगों में अभी इसकी शुरुआत हुई है, उन्हें थोड़े से इलाज और एक्टिव लाइफस्टाइल के बाद डायबिटीज से छुटकारा मिल सकता है। यह माना जाता है अगर  आपको एक बार शुगर हो गई तो जीवनभर दवा खानी पड़ेगी, क्योंकि डायबिटीज़ को कंट्रोल तो कर सकते हैं। लेकिन इसको पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है।

डायबिटीज से जल्द मिलेगा छुटकारा

इन्हीं सबके बीच एक राहत भरी खबर आई है जर्नल ऑफ नेचुरल साइंसेज, बायोलॉजी एंड मेडिसिन की एक रिसर्च के मुताबिक, ऐसे लोग जिन्हें मधुमेह यानि डायबिटीज का खतरा सबसे ज्यादा था, उनमें यह समस्या पूरी तरह से ठीक हो गई। जर्नल की रिपोर्ट में बेंगलुरु के एक अस्पताल में 32 डायबिटीज के मरीजों का इलाज किया गया। इनमें से करीब 68 प्रतिशत लोग लगभग दो साल में पूरी तरह से सही हो गए। ये लोग युवा थे, और इनमें से तीन मरीज ऐसे थे, जो इंसुलिन ले रहे थे। बाकी सभी मरीज दवाएं ले रहे थे। रिसर्च के मुताबिक, चार मरीजों के डेली रूटीन में बदलाव किया गया। वहीं 25 मरीजों के डेली रूटीन में बदलाव के साथ उनको दवा भी दी गई। तीन लोग इंसुलिन पर थे, जिन्हें कोई और संक्रमण भी था। यह देखा गया कि एक साल में 75 प्रतिशत मरीजों का शुगर लेवल कंट्रोल हो गया। जबकि दो साल के बाद करीब 68 प्रतिशत की डायबिटीज़ कंट्रोल हो गई। मरीजों के खाने को कम किया गया । इन्हें 1500 किलो कैलोरी प्रतिदिन दिया गया जबकि स्वस्थ व्यक्ति के लिए 2100 किलो कैलोरी की जरूरत होती है। दूसरे रोज एक घंटे तक मरीजों को तेज-तेज पैदल चलाया गया। कम कैलोरी लेने से और रोज तेज चलने से लीवर में जमा फैट धीरे-धीरे कम होने लगा और डायबिटीज़ कंट्रोल हो गई।

IIT मंडी की रिपोर्ट ने जगाई आशा की किरण

IIT मंडी (हिमाचल प्रदेश) की एक रिपोर्ट आई है जिसमें डायबिटीज़ के मरीजों के लिए आशा की नई किरण दिखाई है। यह शोध ‘डायबिटीज़’ पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं। खानपान और लाइफस्टाइल में गड़बड़ी के कारण लोगों में फैटी लिवर की समस्या तेजी से बढ़ रही है। फैटी लिवर होने से पहले लाइफस्टाइल बिगड़ता है फिर डायबिटीज़ होती है। अच्छे खानपान और लाइफ स्टाइल से डायबिटीज़ को खत्म कर सकते हैं।

ICMR ने डायबिटीज़ के मरीज़ों को दिए सुझाव

ICMR की रिपोर्ट के मुताबित डायबिटीज के मरीजों को कार्बोहाइड्रेट कम खाना चाहिए। वहीं खाने में प्रोटीन की मात्रा का ज्यादा रखनी चाहिए। मरीज का डाइट चार्ट मरीज की बॉडी उसकी खुराख व वजन को देखकर तैयार किया जाए तो बेहतर होगा। मरीजों नास्ते में बेसन व मूंग की दाल का चीला, अंकुरित आनाज, अंडे के वाइट पार्ट का आमलेट और ओट्स के साथ एक उबला अंडा खा सकते हैं । वहीं लंच में मल्टीग्रेन आटा की रोटी, दही, चना, राजमा, हरी सब्जी, सोया चंक्स खा सकते है। इसके अलावा दो रोटी की जगह एक रोटी लें या दो कटोरी चावल खाते हैं तो एक कटोरी चावल ही लें और लंच जैसा ही डिनर ले सकते हैं । महिला व पुरुषों के लिए फूड रेशियों अलग-अलग होना चाहिए । महिलाओं को पुरुषों की तुलना में दो प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट कम खाना चाहिए।

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