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जेएमडी डेस्क: जब भी कभी धार्मिक स्थलों की बात होती है तो सबसे पहले नाम शायद भारत का ही आता है, क्योंकि यहां अलग-अलग धर्मों के लोग रहते हैं, इसी वजह से यहां तीर्थ स्थल और मंदिर भी अधिक हैं… इन्हीं में से एक मंदिर के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, जिसे भारत के मुख्य तीर्थ स्थलों में से एक कहा जाता है। और यहां की सबसे खास बात तो ये है कि पितृ पक्ष के दौरान इस तीर्थ स्थल में केवल माता का ही श्राद्ध संपन्न किया जाता है… सनातन धर्म में किए जाने वाले 16 संस्कारों में से एक श्राद्ध कर्म-कांड है…कहा जाता है कि गर्भ से लेकर मृत्यु तक हर किसी को इन सभी संस्कारों को पूरा करना पड़ता है… श्राद्ध और तर्पण के लिए प्रसिद्ध तीर्थ है गुजरात के पाटन जिले में स्थित सिद्धपुर… यह एकमात्र ऐसा तीर्थ है जहां सिर्फ माता के  श्राद्ध का प्रावधान है… सिद्धपुर में सबसे महत्वपूर्ण स्थल बिंदु सरोवर है… श्राद्ध पक्ष में यहां लोगों की भीड़ उमड़ती है… सिद्धपुर का धार्मिक महत्व कई धर्म ग्रंथों में मिलता है… कहा जाता है कि ऋग्वेद की ऋचांओं यानी मंत्रों में भी गुजरात के सिद्धपुर का वर्णन किया गया है



कबसे शुरू हुआ माता का श्राद्ध

अगर इतिहास की बात करें तो पौराणिक काल में भगवान विष्णु ने कपिल मुनि के रूप में अवतार लिया था… उनकी माता का नाम देवहुति और पिता का कर्दम था… एक समय ऋषि कर्दम तपस्या के लिए वन में चले गए तो देवहुति काफी दुखी हो गई… ऐसे में पुत्र कपिल मुनि ने सांख्य दर्शन की विवेचना करते हुए उनका ध्यान भगवान विष्णु में केन्द्रित किया… और श्रीहरी में ध्यान लगाते हुए माता देवहुति देवलोकगमन कर गई…

मान्यताओं के अनुसार

ऐसी मान्यता है कि बिंदु सरोवर के तट पर माता के देहावसान के बाद कपिल मुनि ने उनकी मोक्ष प्राप्ति के लिए अनुष्ठान किया था… इसके बाद से यह स्थान मातृ मोक्ष स्थल के रूप में प्रसिद्ध हुआ… कपिल मुनि ने कार्तिक महीने में यह अनुष्ठान किया था, इसलिए हर साल यहां पर कार्तिक महीने में विशाल मेले का आयोजन होता है और दूरदराज से लोग अपनी मां का श्राद्ध करने के लिए आते हैं…

भगवान परशुराम ने भी किया मातृ श्राद्ध

एक मान्यता ये भी है कि भगवान परशुराम ने भी अपनी माता का श्राद्ध सिद्धपुर में बिंदु सरोवर के तट पर किया था… मातृ हन्ता के पाप से मुक्त होने के लिए ऋषि परशुराम ने यहां पर कर्मकांड किया था… सिद्धुपुर में एक पीपल का पवित्र वृक्ष है, जिसको मोक्ष पीपल कहा जाता है और मान्यता है कि मोक्ष पीपल पर सभी  पुत्र मां की मोक्ष प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं…

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