
कोरोना काल के समय प्राइवेट कंपनियों के द्वारा कर्मचारियों को नौकरी से निकालने, सैलरी कम देने और सैलरी में कटौती की खबरें सामने आईं थी। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने भारत को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने का सपना देखा। जब ये सपना देखा तो सभी के मन में ये सवाल आया कि ये पूरा कैसे होगा। इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए पीएम मोदी ने मार्च 2020 में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव स्कीम यानी PLI स्कीम शुरू की। 3 साल पहले शुरू हुई इस स्कीम की चर्चा आज इसलिए हो रही क्योंकि हाल ही में ये खबर सामने आई है कि इसी योजना के तहत सरकार देश में सेमीकंडक्टर की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 25,000 करोड़ रूपए की एक स्कीम को ला सकती है।

PLI स्कीम क्या है अगर आसान शब्दों में समझें तो जैसे आप कोई पौधा लगाते हैं तो आप इसके आगे-पीछे बाड़ लगाते हैं ताकि पौधा बड़ा हो सके। जब वो पेड़ बन जाता है तो उसे बाड़ की ज़रुरत नहीं पड़ती है। तो जैसे आप पौधे की कुछ समय तक देखभाल करते हैं उसी तरह से अपने उद्योग की कुछ देर देखभाल ज़रूरी है।” केंद्र सरकार का इस स्कीम को लॉन्च करने का मेन मकसद घरेलू कंपनियों के प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके अलावा विदेशी कंपनियों को भारत में अपना कारोबार स्थापित करने का मंच देती है। PLI स्कीम के तहत सरकार ने जिन 14 सेक्टरों को चुना है। वो भी आपको बता देते हैं…
मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग, मैन्युफैक्चरिंग ऑफ मोबाइल डिवाइसस, ऑटो मोबाइल्स एण्ड ऑटो कंपोनेंट्स, फार्मास्यूटिकल्स, ड्रग्स, स्पेशलिटी स्टील, टेलिकॉम एण्ड नेटवर्किंग प्रोडक्ट्स, इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स, व्हाइट गुड्स, फूड प्रोडक्ट्स, टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स, सोलर पीवी मॉड्यूल्स, एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल बैटरी, ड्रोन और ड्रोन कंपोनेंट्स है।

सरकार इन 14 सेक्टरों में निवेश करने वालों को प्रोत्साहन राशि यानी इंसेंटिव भी देगी। इसके लिए 1.97 लाख करोड़ रूपए अवांटित किए गए हैं। हर सेक्टर के लिए अलग-अलग राशि फिक्स की गई है। जो अगले 5 साल में प्रोडक्शन के आधार पर दी जाएगी। किस सेक्टर के लिए कितने रुपए इंसेंटिव के तौर पर मिले हैं…वो भी बता देते हैं।

मोदी सरकार ने मार्च 2020 में इस योजना को लॉन्च करने के बाद से अलग-अलग समय पर हुई कैबिनेट की मीटिंग में अलग-अलग सेक्टर के लिए PLI स्कीम को मंजूरी दी है। इसके हिसाब से…
· वाहनों के बेहतर और एडवांस कलपुर्जे देश में ही तैयार करने वाली कंपनियों को टोटल 25,938 करोड़ रूपए इंसेंटिव मिलेगा।
· देश में ड्रोन की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए सरकार ने इस सेक्टर के लिए 120 करोड़ रूपए इंसेंटिव का प्रावधान किया है।
· बैटरी स्टोरेज के प्रोडक्शन को बढ़ाने और एडवांस केमिस्ट्री सेल की मैन्युफैक्चरिंग आदि को बूम देने के लिए 18,100 करोड़ रूपए मंजूर किया है।
· देश में मोबाइल फोन, लैपटॉप, टैबलेट, पीसी और सर्वर वगैरह बनाने के लिए सरकार करीब 48,000 करोड़ रूपए का इंसेंटिव देगी।
· फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को 10,900 करोड़ रूपए का इंसेंटिव देगी।
· देश में जरूरी मेडिकल डिवाइस बनें, इसके लिए सरकार इस सेक्टर को 3420 करोड़ रूपए का इंसेंटिव देगी।
· सरकार चाहती है कि अब इलेक्ट्रिकल स्टील, हाई स्ट्रेंथ स्टील जैसे प्रोडक्ट भारत में बने, जिनकी बाहर देश में मांग हो। इसके लिए सरकार 6,322 करोड़ रुपये का इंसेंटिव देगी।
· देश में दवाओं और उनके कच्चे माल का पर्याप्त उत्पादन हो. इसके लिए इंसेंटिव के तौर पर करीब 22,000 करोड़ रुपये सरकार खर्च करेगी।
· देश में कपड़ों की मैन्युफैक्चरिंग बढ़े, इसके लिए टेक्सटाइल सेक्टर को 10,683 करोड़ रुपये का इंसेंटिव मिलेगा।
· मोदी सरकार शुरू से ही सोलर पावर पर फोकस रहा है। इस सेक्टर के लिए सरकार ने 24,000 करोड़ रूपए इंसेंटिव देगी।
· 5जी और 4जी के नेटवर्क डिवाइस, हार्डवेयर, इंटरनेट ऑफ थिंग्स प्रोडक्ट, स्विच और गियर्स देश में ही बनें, इसके लिए सरकार ने 12,195 करोड़ रूपए इंसेंटिव देने में खर्च करने जा रही है।
· इलेक्ट्रॉनिक सामान का उत्पादन भारत में बढ़े, इसके लिए सरकार की ओर से 6,238 करोड़ रुपये का इंसेंटिव दिया जाएगा।

PLI स्कीम से देश को क्या फायदा होगा वो भी जान लेते हैं…सरकार को उम्मीद है कि PLI स्कीम भारत का भविष्य बदल देगी। ये 14 सेक्टर में देश को ना सिर्फ आत्मनिर्भर बनाएगी बल्कि देश के अंदर अगले 5 साल में लाखों नए रोजगार भी पैदा करेगा। वहीं देश के एक्सपोर्ट को बढ़ाकर दुनिया की सप्लाई चेन में उसे चीन, वियतनाम जैसे देशों का विकल्प भी बनाएगी। हाल में खबर आई थी कि अमेरिकी कंपनी Apple Inc को सरकार की इस योजना से इतना फायदा हो सकता है कि वो अपने ग्लोबल आईफोन प्रोडक्शन का 18 प्रतिशत इंडिया में ही तैयार करेगी।