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सर्वर के बारे में तो आप सभी ने कहीं न कहीं सुना ही होगा, खासकर के स्टूडेंट्स ने ज़रूर ही सुना होगा। जब भी वो कोई competitive exams का फॉर्म भर रहे होते हैं, तो कई बार ऐसा होता है कि फॉर्म भरने के लिए जिस वेबसाइट पर हमें जाना होता है वो एक्सट्रा लोड की वजह से नहीं खुल पाती है। क्या आपको पता है कि हम जो भी डेटा या इंफॉर्मेशन, इंटरनेट के जरिए ढूंढते हैं या पाते हैं वो सारी जानकारी हमें सर्वर से ही मिलती है, तो जानते हैं कि इंटरनेट की दुनिया का बहुत ही प्रचलित शब्द सर्वर क्‍या होता है? ये किन चीजों से बनता है और दुनिया का सबसे बड़ा सर्वर किस देश में है?

सर्वर का काम है इंटरनेट के यूजर्स को सर्विस देना यानी यूजर्स को वो सारी जानकारी देना जो वो जानना चाहता है। जैसे हम YouTube में वीडियोज़ देखते हैं या फिर कोई इंफॉर्मेशन हम अपने device के web browser में जाकर search करते हैं तो हमें जो भी results अपने डिवाइस पर देखने को मिलता है, वो website या channel का data कहीं ना कहीं पर store रहता है जो सर्वर हमारे request भेजने पर हमें डिलीवर करता है। गूगल दुनिया का सबसे बड़ा search engine है जहां से हम जो चाहें जितना चाहें उतना डेटा हासिल कर सकते हैं तो गूगल हमें ये सारा डेटा अलग- अलग websites के servers से लाकर दे देता है।

सर्वर एक कंप्यूटर की तरह ही होता है और दुनिया में बहुत सारे अलग- अलग capabilities के सर्वर मौजूद हैं. एक नॉर्मल लैपटॉप या कंप्यूटर में अगर हम सर्वर का program install कर दें तो वो कंप्यूटर भी एक सर्वर की तरह काम करेगा, ऐसे सर्वर को हम non-dedicated servers भी कहते हैं क्यूंकि ये 24 घंटे चालू रहकर काम करने के लिए नहीं होते। Non- dedicated servers का इस्तेमाल home, schools, colleges, hospitals, offices जैसी जगहों पर किए जाते हैं, जिसे हम local network भी कहते हैं। लेकिन कुछ ऐसे कंप्यूटर्स भी होते हैं, जो 24×7 चालू रहते हैं और दूसरे कंप्यूटर्स को सर्व करते हैं। ऐसे कंप्यूटर्स को हम dedicated सर्वर कहते हैं। ये कंप्यूटर्स काफी महंगे होते हैं और इनमे हाई क्वालिटी और हाई स्पीड का प्रॉसेसर और RAM लगे होते हैं।

इंटरनेट की मदद से हम गूगल में जो कुछ भी सर्च करते हैं उसके नतीजे हमें dedicated servers से ही मिलते हैं। सर्वर कई अलग-अलग कंपोनेंट और सब-कंपोनेंट से बने होते हैं। हार्डवेयर लेवल पर सर्वर आमतौर पर एक रैक माउंट चेसिस से बने होते हैं, जिसमें एक पॉवर सप्लाई, एक सिस्टम बोर्ड, एक या ज्‍यादा सीपीयू, मेमोरी, स्टोरेज और एक नेटवर्क इंटरफेस होता है। 

सर्वर कई प्रकार के होते हैं। सभी के काम भी अलग-अलग होते हैं। नेटवर्क के जरिए फाइल ट्रांसफर का काम फाइल सर्वर करता है। इसमें सभी फाइल कंप्यूटर में स्‍टोर रहती हैं। ये कंप्यूटर फाइल्स को मैनेज करता है और यूजर्स की रिक्‍वेस्‍ट के हिसाब से फाइल्स की कॉपी यूजर्स को दिखाता है। वहीं, वेब सर्वर एक प्रकार का सर्वर साफ्टवेयर है, जो सभी वेब पेजेस को वेब ब्राउजर में दिखाता है। इसे कंप्यूटर प्रोग्राम भी कहा जाता है। इसका मेन काम यूजर्स को जानकारी प्रोवाइड करना होता है। ये वेब सर्वर वेब ब्राउजर से जुड़ा रहता है ताकि यूजर्स के हिसाब से उनको ब्राउजर में ही जानकारी उपलब्‍ध कर सके।

दुनिया का सबसे बड़ा डेटा सेंटर चीन में है। बीजिंग के तियानजिन इकोनॉमिक सर्किल रेडिएशन बेल्‍ट में बना चाइना टेलिकॉम डेटा सेंटर का सर्वर 1 करोड़ वर्ग फुट एरिया में फैला है। चीन में 400 से ज्‍यादा डेटा सेंटर्स हैं। इसके बाद दूसरा सबसे बड़ा डेटा सेंटर भी चीन में है। चाइना मोबाइल का डेटा सेंटर 72 लाख वर्ग फुट में बना हुआ है। इस जगह पर 50 मील के दायरे में 59 डेटा सेंटर बनाए गए हैं। अमेरिका के सिटाडेल कैंपस में बना डेटा सेंटर एक समय तक दुनिया का सबसे बड़ा डेटा सेंटर था। ये 72 लाख वर्ग फुट एरिया में फैला है। इसके बाद अमेरिका के क्विंसी में बना माइक्रोसॉफ्ट का डेटा सेंटर 20 से ज्‍यादा इमारतों में फैला है। ये 70 लाख वर्ग फुट एरिया में बनाया गया है।

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